कहानी से
हर्ष और कनक छोटे होने पर भी समुद्र की लहरों में कैसे तैर सकते थे?
हर्ष और कनक का बचपन समुद्र की लहरों के साथ ही बीता है। हर्ष के पिता समुद्र में जाल डालकर शंख, सीप और खिलौनों से तरह-तरह के सामान बनाते थे। वह अपने पिता की मदद भी करता रहा है। यहां तक कि उसे तैराकी भी आती थी। जिस वजह से उसे समुद्र की लहरों में कैसे तैरना है अच्छी तरह से पता था। वहीं कनक का भी कुछ ऐसा ही हाल था। कनक के पिता मछुआरे थे साथ ही उसकी मां मछलियां बेचकर अपने बच्चों का पालन करती थी। जितनी अच्छी तरह से हर्ष समुद्री लहरों को पहचानता था उतनी ही अच्छी तरह से कनक भी। इसी कारण से वे दोनों समुद्र की लहरों में तैर सकते थे|